बुधवार, 21 मार्च 2018

चित्र कथा


दिनांक 18 मार्च 2018 को शिवनाथ साहित्यधारा, डोंगरगांव, जिला राजनांदगांव द्वारा ’वर्तमान साहित्य में किसानों की पीड़ा की अभिव्यक्ति’ विषय पर परिचर्चा में वक्तव्य देते हुए। इस अवसर पर सम्मान भी किया गया।





शनिवार, 17 मार्च 2018

कविता

कविता 

चोट


आदमी तब भी हँसता और रोता है
कहीं आ, जा और खा रहा होता है
बेतहाशा भाग रहा होता है
जब वह सो रहा होता है।
आदमी तिलमिला रहा होता है
जब वह चोट खा रहा होता है
चोट खाकर आदमी तिमिलाता है
चोट खाकर आदमी जागता है।
सोये हुए नसों पर चोट करो।
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शनिवार, 3 मार्च 2018

आरंभ Aarambha: छत्तीसगढ़ के नवान्वेषित कतिपय विलक्षण मूर्ति-शिल्प...

आरंभ Aarambha: छत्तीसगढ़ के नवान्वेषित कतिपय विलक्षण मूर्ति-शिल्प...: ज्ञान-प्रवाह, वाराणसी के तत्त्वावधान में मैं डा० नीलकण्ठ पुरुषोत्तम जोशी (पूर्व निदेशक मथुरा तथा लखनऊ संग्रहालय) के साथ मिलकर एक शोध परियोज...