रविवार, 17 नवंबर 2019

व्यंग्य - मूर्ख बुद्धिजीवी

मूर्ख बुद्धिजीवी

कल बुद्धिजीवियों के एक आयोजन में भागीदारी करने का अवसर मिला। मंचासीन विद्वानों का उद्बोधन सुना। अध्यक्षता कर रहे विद्वान ने भगवान बुद्ध की करुणा का उल्लेख करते हुए कहा कि नगर भ्रमण के दौरान वृद्ध, रोगी और शव को देखकर उन्होंने घर परिवार का त्याग किया।
कार्यक्रम समाप्त होने के बाद मेरे एक खोजी मित्र ने उस विद्वान से कहा कि बुद्ध के गृह त्याग का मूल कारण शाक्य और कोलिय वंशजों के बीच रोहिणी नदी के जल बटवारे का विवाद था, न कि वह, जिसका उल्लेख अपने किया है।
उस विद्वान ने कहा - ठीक है। पर मूर्खों को समझाने के लिए मैंने जो कहा, वही मिथक ठीक माना गया है।
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