शुक्रवार, 15 जनवरी 2016

कविता

फिल्म - देवदास (1955) 
गीत - साहिर लुधियानवी 
संगीत - एस. डी. बर्मन
 स्वर - लता मंगेशकर

जिसे तू क़बूल कर ले, वो अदा कहाँ से लाऊँ।
तेरे दिल को जो लुभा ले, वो सदा कहाँ से लाऊँ।

मैं वो फूल हूँ कि जिसको, गया हर कोई मसल के।
मेरी उम्र बह गई है, मेरे आँसुओं में ढल के।
जो बहार बन के बरसे, वो घटा कहाँ से लाऊँ।
तेरे दिल को जो लुभा ले, वो सदा कहाँ से लाऊँ।

तुझे और की तमन्ना, मुझे तेरी आरजू़ है।
तेरे दिल में ग़म ही ग़म है, मेरे दिल में तू ही तू है।
जो दिलों को चैन दे-दे, वो दवा कहाँ से लाऊँ।
तेरे दिल को जो लुभा ले, वो सदा कहाँ से लाऊँ।

मेरी बेबसी है ज़ाहिर, मेरी आहें बेअसर-से।
कभी मौत भी जो मांगी, तो न पाई उसके दर से।
जो म़ुराद ले के आये, वो दुआ कहाँ से लाऊँ।
तेरे दिल को जो लुभा ले, वो सदा कहाँ से लाऊँ।

जिसे तू क़बूल कर ले, वो अदा कहाँ से लाऊँ।
तेरे दिल को जो लुभा ले, वो सदा कहाँ से लाऊँ।
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