क्या है इलूमिनाती?
(आधुनिक संदर्भ में कहा जा सकता है कि
इलूमिनाती विश्व के बड़े आर्थिक शक्तियों (औद्योगिक घरानों) तथा राजनीतिक
शक्तियों का एक गुप्त, (काल्पनिक अथवा वास्तविक) रहस्यमय तथा सर्वाधिक
खतरनाक, संवेदनशून्य, संस्था है, जिसका प्रमुख उद्देश्य किसी भी कीमत पर
अकूत धन अर्जित करना, और अप्रत्यक्ष रूप से दुनिया पर शासन करना है तथा
जिसके बारे में आधिकारिक और प्रामाणिक रूप से कुछ भी कह पाना संभव नहीं
है।) इलूमिनाती लैटिन भाषा के शब्द इलूमिनातुस का बहुवचन शब्द है
जिसका अर्थ होता है - ’प्रबुद्ध’। The Illuminati (plural of Latin
illuminatus, "enlightened"))
यह एक ऐसा नाम (समूह) है जो कई समूहों - ऐतिहासिक और आधुनिक दोनों तथा वास्तविक और काल्पनिक दोनों को संदर्भित करता है।
ऐतिहासिक तौर पर, यह विशेष रूप से बवारियन इलूमिनाती को संदर्भित करता
हैं, जिसकी स्थापना इंगोलस्ताद (बवारिया) में, 1 मई 1776 को ऐडम
वाइसहाउप्त (Adam Weishaupt, 1748 - 1830) द्वारा की गई थी। ऐडम
वाइसहाउप्त इंगोलस्ताद विश्वविद्यालय में कलीसाई कानून के पहले साझे
प्रोफेसर थे। यह एक प्रबुद्धता-युग गुप्त समिति थी जिसका उद्देश्य था
राजनीतिक शक्ति प्राप्त करना तथा एक नई विश्व व्यवस्था की स्थापना करना।
( in order to gain political power and influence and to establish a new
world order)
उस समय के लेखकों, जैसे - सेठ पेसन, का मानना था
कि, आंदोलन यूरोपीय राज्यों की सरकारों को घुसपैठ और उखाड़ फेंकने की साजिश
दर्शाता था। कुछ लेखकों, जैसे ऑगस्टिन बारुएल और जॉन रॉबिंसन, ने यहां तक
दावा किया कि इलूमिनाती फ्रांसीसी क्रांति के पीछे थे।
इस समूह के
अनुयायियों को ’इलूमिनाती’ नाम दिया गया, हालांकि वे खुद को
’पर्फेक्टेबिलिस्ट्स’ बुलाते थे। समूह को इलूमिनाती ऑर्डर और बवारियन
इलूमिनाती भी कहा गया है और स्वयं आन्दोलन को इलूमिनाटिज्म (इलूमिनिज्म के
बाद) के नाम से निर्दिष्ट किया गया है। 1777 में, कार्ल थियोडोर बवारिया का
शासक बन गया। वह प्रबुद्ध तानाशाही का समर्थक था और 1784 में उसकी सरकार
ने इलूमिनाती सहित सभी गुप्त समाजों पर प्रतिबंध लगा दिया।
आधुनिक
समय में यह एक कथित षड़यंत्रपूर्ण संगठन के संदर्भ में उल्लिखित किया जाता
है, जो ’सिंहासन के पीछे एक अस्पष्ट शक्ति’ के रूप में कार्य करता है, यह
समूह कथित रूप से वर्तमान सरकारों और निगमों के माध्यम से दुनिया के मामलों
को नियंत्रित करता है तथा आमतौर पर स्वयं को बवारियन इलूमिनाती के एक
आधुनिक अवतार के रूप में प्रस्तमुत करता है। इस प्रकरण में, इलूमिनाती
अक्सर एक नई विश्व व्यवस्था के संदर्भ में प्रयोग किया जाता है। कई साजिश
सिद्धांतकारों का मानना है कि इलूमिनाती उन घटनाओं के पीछे के योजना बनाने
वाले व्यक्ति हैं जो नई विश्व व्यवस्था की स्थापना को बढ़ावा देंगे.
आधुनिक इलूमिनाती
लेखक जैसे मार्क डाइस, डेविड इके, रयान बर्क, जूरी लीना और मोर्गन ग्रीसर,
का कहना है कि बवारियन इलूमिनाती संभवतः इस दिन तक जीवित है। इनमें से कई
सिद्धांत प्रस्तावित करते हैं कि दुनिया की तमाम बड़ी घटनाएं खुद को
इलूमिनाती कहने वाली एक गुप्त समिति के द्वारा नियंत्रित और धूर्तता पूर्वक
प्रबंधित की जा रही हैं। साजिश सिद्धांतकारों ने दावा किया है कि विंस्टन
चर्चिल, बुश परिवार, बराक ओबामा, रॉथ्सचाइल्ड परिवार, डेविड रॉकफेलर और
ज्बिगनियेफ ब्रेजिंस्की सहित कई प्रमुख लोग इलूमिनाती के सदस्य थे या हैं।
आज कई अस्पष्ट और गुप्त संगठन के अलावा, कई आधुनिक भ्रांत्रिक समूह बवारियन इलूमिनाती के ’वारिस’ होने का दावा करते हैं।
(टीप:- उपरोक्त तथ्य अंतरजाल से साभार।)
इस पर ’हंस - फरवरी 2016’ के संपादकीय में रोचक जानकारियाँ दी गई हैं।
संपादकीय में बताया गया है कि - ’’इल्युमिनाटी पश्चिमी यूरोप और उत्तरी
अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय बैंकरों, उद्योगपतियों, और व्यापारियों का एक
कार्टेल है जिसमें राथ्सचाइल्ड, राकफेलर, माॅर्गन, लजा़र्ड वारबर्ग,
श्राॅडर, और शीफ जैसे खानदान जुड़े हैं।’’ संपादकीय के अंत में एक
रहस्योद्घाटन किया गया है कि - ’’जब हाल-फिलहाल तक विरोधी स्वरों को पाकिस्तान
भेज देने की गालियाँ उगली जा रही हों - ऐसे असहज वक्त में जिंदल महोदय
प्रधान मंत्री की रहस्यमय ’औचक’ पाकिस्तान यात्रा पर वहाँ उनकी अगवानी करने
को पहले से खड़े थे।’’
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