दिल्ली का लटियन जोन
देशबंधु, 19 दिसंबर 2016 के संपादकीय पृष्ठ में पुष्परंजन ने अपने लेख में बहुत से सवाल उठाये हैं। जैसे -
’’....कार्ड करेंसी के वास्ते प्रचंड प्रचार में देश के करदाताओं के पैसे किस बेरहमी से बहाए जा रहे हैं, उस पर कोई सवाल नहीं उठाता। तर्क क्या दिया जा रहा है? इससे भ्रष्टाचार समाप्त हो जायेगा, काले धन को बाहर निकाल लेंगे। आतंकवादियों के फंडिंग को रोक देंगे। अभी तो चंद बिल्डरों, ज्वेलरों, व्यापारियों, कानून की आड़ में काले का सफेद करनेवाले धंधेबाजों के यहाँ छापेमारी में कुछ सौ करोड़ निकले हैं। क्या दिल्ली के लटियन जोन में जाने की किसी की हिम्मत है? ......’’
पढ़कर मन में जिज्ञासा हुई कि यह लटियन जोन क्या है, यहाँ कौन लोग रहते होंगे, जहाँ जाने की हिम्मत कोई नहीं कर सकता और जहाँ जाने की हिम्मत जुटाने के लिए सरकार को चुनौती दी गई है?
20 दिसंबर 2016 के नई दुनिया के पृष्ठ 12 पर ’’देश के सबसे मंहगे रिहायशी इलाके में केपी सिंह की बेटी ने खरीदा बंगला’’ शीर्षक से एक समाचार छपा है। देश के इस सबसे मंहगे रिहायशी इलाके का नाम लुटियंश जोन है। केपी सिंह डी. एल. एफ. के चेयरमैन हैं और उनकी बेटी का नाम रेनुका तलवार है जिन्होंने पृथ्वीराज रोड इलाके में 435 करोड रूपये में बंगला खरीदा है। इस सौदे को अब तक का सबसे मंहगा सौदा बताया गया है।
’’.... 4925 वर्गमीटर के प्लाट पर स्थित यह बंगला 1189 वर्गमीटर में फैला है। बंगले को 8.8 लाख रूपये प्रति वर्गमीटर के हिसाब से बेचा गया है। ........’’
आगे बाक्स में यह जानकारी दी गई है -
’’इन उद्योगपतियों के बंगले इन जोन में हैं। ... एल. एन. मित्तल, नवीन जिंदल, केपी सिंह, सुनील मित्तल, एस्सार ग्रुप के शशि और रवि रूइया, मलविंदर और शिविंदर सिंह और अनलजीत सिंह जैसे उद्योगपतियों के बंगले बने हुए हैं। लटियन जोन का फिलहाल कुल क्षेत्रफल 3000 एकड़ है। .......’’
यह भी बताया गया है कि इस जोन में मंत्रियों और आला अधिकारियों के बंगले भी हैं। मुझे लगता है, लटियन जोन और लुटियंश जोन एक ही है।
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