शनिवार, 3 अगस्त 2019

कविता - जमुनिया के डार

जमुनिया के डार: धनी धर्मदास के गीत

जमुनिया के डार मोर टोर देव हो ।
एक जमुनिया के चउदा डारो, सार सबद लेके मोर देव हो।
काया कंचन अजब पियाला, नाम बूटी रस घोर देव हो।
सुरत सुहागिन गजब पियासी, अमरित रस में बोर देव हो।
सतगुरू हमरे गियान जौहरी, रतन पदारथ जोर देव हो।
धरमदास के अरज गुंसाई, जीवन के बंदी छोर देव हो।

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