रविवार, 1 सितंबर 2019

कविता - मांग और आपूर्ति

मांग और आपूर्ति

सेठजी ने अपने
बिजनेस मैनेजमेंट के परास्नातक
कमाऊ पूतों से कहा -

’आत्महत्या के आंकड़े बढ़ रहे हैं
हमारे लिए सेवा के
नये-नये सेक्टर खुल रहे हैं
अवसर को हाथों हाथ लो
आत्महत्या के पीड़ारहित और
सरल तरीकों का तत्काल ईजाद करो
उत्पाद तत्काल पेश करो।’

और एक के साथ एक फ्री वाले विज्ञापनों के साथ
आत्महत्या के पीड़ारहित और सरल उत्पादों से
बाजार गुलजार हो गया है -
जनता पर मेहरबान हो गया है
जीने की तुलना में
लोगों का मरना, अब आसान हो गया है।
000

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें