दीपावली की अशेष शुभकामनाएँ
मंगलमय हो
जग-जीवन सारा मंगलमय हो,
यशमय हो, लाभमय हो,
भावरस से सिक्त-सिक्त हो-
जीवन सारा रसमय हो।
भाव शेष पर, अभाव निःशेष हो,
अक्ष-पक्ष-लक्ष्य विशेष हो,
जन-परिजन, मीत-सुमीत से-
सहज, साकार, सुविचार निवेश हो।
हर पल, हर क्षण हर्षमय हो।
’दी’ से दिल और दिमाग का,
’वा’ से वाद-विवेक, विचार का
’ल’ से लाभ संचित लय तन-मन का,
दीवाली के ’ई’ ईमान का-
इन्सानियत से ताल-लय हो।
परिवार, वार-तिथि, अभय-अभय हो।
ज्ञान-ज्योति का अवतरण हो,
अज्ञान-अंध का अव-हरण हो,
निज का जग से भावकरण हो,
स्व, सहकार में विलय-विलय हो।
लक्ष्य-क्षेत्र में विजय-विजय हो।
जग-जीवन सारा मंगलमय हो,
यशमय हो, लाभमय हो,
भावरस से सिक्त-सिक्त हो-
जीवन सारा रसमय हो।
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