रविवार, 18 मई 2014

आलेख

भारतीय गणतंत्र का नया नायक : मोदी

भारतीय मतदाताओं ने पुनः अपनी राजनीतिक परिपक्वता का परिचय दिया है। उन्होंने नरेन्द्र दामोदर दास मोदी में ईमानदार, कर्मठ और प्रतिबद्ध नायक की झलक देखी; एक ऐसे व्यक्ति की छवि देखी जिस पर विश्वास किया जा सकता है, जिनकी बातों पर विश्वास किया जा सकता है, जिनके ’सबका विकास’ और सबके लिए ’अच्छे दिन’ के नारे पर विश्वास किया जा सकता है। भारत के एक सौ पच्चीस करोड़ लोगों ने नरेन्द्र दामोदर दास मोदी पर विश्वास किया और अपना भविष्य उन्हें सौंप दिया है।

2014 का यह चुनाव भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में नये अध्याय की शुरूआत है; एक ऐसे अध्याय की शुरूआत है जिसका विषयवस्तु किसी राजनीतिक दल का पराभव या उत्कर्ष नहीं होगा अपितु केवल नरेन्द्र दामोदर दास मोदी के उत्कर्ष की पृष्ठभूमि, वास्तविकताएँ और परिस्थितियों के निर्माण का विश्लेषण होगा, देश और जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप उनके कार्यों-अवदानों का होगा, चुनाव प्रचार के दौरान उनके द्वारा किये गए वादों को कार्य रूप देने में उनकी सफलता-असफलता के विश्लेषणों का होगा, इतिहास में दर्ज नायकों की पँक्ति में उनके लिए स्थान निर्धारण का होगा। इस आम चुनाव में जीत भाजपा की नहीं केवल नरेन्द्र दामोदर दास मोदी की हुई है।

प्रकृति में हर परिवर्तन किसी नये निर्माण के लिए होता है, अच्छे और भले के लिए होता है। राष्ट्रीय परिदृश्य में नरेन्द्र दामोदर दास मोदी के उत्कर्ष के रूप में हुआ यह परिवर्तन भी अच्छे और भले के लिए हुआ है, मंगलकारी रूप में हुआ है, इतना विश्वास हमें करना ही होगा।
कुबेर

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