गुरुवार, 23 जून 2016

समीक्षा

पत्र अऊ समीक्षा

कुबेर के छत्तीसगढ़ी कहानी के घेरा म एक फेरा

 - डाॅ. बिहारीलाल साहू



पत्र:-
ग्राम - चाँटीपाली
(बरमकेला)
जिला - रायगढ़ (छत्तीसगढ़)
13. 06. 2016
प्रिय कुबेरजी,

    प्रीति नमस्कार जानिए।

आशा है, आप स्वस्थ एवं शुभस्थ होंगे। आपके कथाकार की रचनाशीलता पर केन्द्रित लेख भेज रहा हूँ। इस पर मुझे संतोष नहीं। एक लघुप्रतिक्रिया मात्र इसे मानें।

कुबेर की छत्तीसगढ़ी कहानियाँ विशद् अध्ययन-चिंतन की हकदार हैं। इस बीच मैं अपनी ही उलझनों में इस कदर फँसा रहा कि तमाम इच्छाओं के बाद भी केन्द्रित न हो सका। क्षमा करना, कभी समय मिला तो लिखूँगा।

हाँ, इतना जरूर कहना चाहता हूँ कि कुबेर छत्तीसगढ़ी ग्राम्यजीवन का कुशल कथाकार है और अपने सामाजिक दायित्व के निर्वहन में पूरी तरह समर्थ भी। कुबेर के संपूर्ण रचनाकर्म पर मुझे गर्व है। मुझे कुबेर सशक्त संभावनाओं से भरा रचनाकार जान पड़ता है। बड़ी उम्मीदें रखता हूँ ....... शेष मंगल कामनाएँ ...... लिखते  रहिए।
भवदीय
(हस्ताक्षर)
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