शुक्रवार, 29 जुलाई 2016

कविता,

आज का समय खतरों से भरा समय है


एक बात मैं दावे के साथ कह सकता हूँ -
चाँद पर ईश्वर और धर्म नहीं हैं
उसी तरह जैसे वहाँ
सभ्यता, संस्कृति और दर्शन नहीं हैं।

यकीन नहीं होता?
नील आर्मस्ट्राँग, एडविन, आल्ड्रिन से पूछ लो
क्या ये सारी चीजें वे यहीं से लेकर नहीं गये थे -
आक्सीजन की तरह?
आक्सीजन वहाँ नहीं है।

वहाँ आक्सीजन नहीं है,
वहाँ जीवन नहीं है,
वहाँ प्रेम और शांति भी नहीं हैं।

ईश्वर, धर्म और दर्शन को
प्रेम और शांति को, 
सभ्यता और संस्कार को
कोई खतरा नहीं है वहाँ।

यहाँ ईश्वर, धर्म और दर्शन, 
प्रेम और शांति
सभ्यता और संस्कार सबकुछ हैं
पर आज ये सब भयावह खतरे में हैं
जीवन यहाँ खतरे में है।

आज का समय
इतिहास का सर्वाधिक खतरों से भरा समय है।
000  
kuber
30.07.2016 - 0520am

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें