शनिवार, 1 जून 2019

अनुवाद

खुसी - अंतोन चेखव
JOY -  Anton Chekhov

(छत्तीसगढ़ी म अनुवाद - कुबेर)

रात के बारा बजे रिहिस।

मित्या कुलड्रोव हर खुसी के मारे नाचत-कूदत अपन माता-पिता के खोली कोती दंउड़िस। वोकर चुदी-मुड़ी के ठिकाना नइ रिहिस। वो हर ये खोली ले वो खोली दंउड़े लगिस। वोकर माता-पितामन पहिलिच सुत गे रिहिन। बहिनी हर कोनो उपन्यास के आखिरी पन्ना ल पढ़त अपन पलंग म ढलगे रिहिस। संग म स्कूल जवइया भाई तको हर सुत गे रिहिस।

’’कहाँ ले आवत हस?’’ वोकर माता-पितामन चकित हो के चिल्लाइन। ’’बात का हे?’’

’’ओहो! झन पूछव! मंयहर सोचे तको नइ रेहेंव; सपना म घला नइ सोचे रेहेंव। ये .... येहर एकदम ठीक होय हे, विस्वास नइ होवत हे।’’

मित्या हर जोरदार हाँसिस अउ आरामी कुर्सी म धड़ाम ले बइठ गिस। वोहर अतका खुस रिहिस कि खड़ा घला नइ हो पावत रिहिस। ’’सुन के आपमन ल बिलकुल बिसवास नइ होही। आप सोच घला नइ सकव।’’

वोकर बहिनी हर चद्दर ल फेंक के झकनका के उठिस अउ आइस। संग म स्कूल पइया भाई घला हर उठ के आ गिस। 

’’बात का हे? पहिली तो कभू अइसन नइ करत रेहेस।’’

’’वो ये पाय के माँ, कि आज मंयहर बेहद खुस हंव। का तोला पता हे कि अब पूरा रूस हर मोला जान गिस। पूरा रूस हर। फकत तुहींचमन नइ जानव कि रूस म दिमित्री कुलड्रोव नाम के एक झन पंजीकरण क्लर्क हे। आज पूरा रूस हर जान गिस। मम्मी, ओहो, हे भगवान।’’

मित्या हर उछल के खड़े हो गिस। खोलीमन म  खाल्हे-ऊपर दँउड़े लगिस अउ आ के फेर बइठ गिस।

’’आखिर होइस का? ढंग से समझा के तो बता।’’

’’आपमन बिलकुल जंगली जानवर कस रहिथव, अखबार थोरको नइ पढ़व, अउ अखबार म का छपे हे वोकरो ऊपर धियान नइ देवव, अउ अखबार म बहुत कुछ रोचक बात छपे रहिथे। कहाँ, का-का होवत हे, सब तुरत पता चल जाथे, कुछू नइ छिप सके। आज मंय कतका खुस हंव! हे भगवान! जनता हर विही ल जानथे, जेकर नाव हर अखबार म छपथे, अउ आज मोर नाव हर छपे हे।’’

’’का मतलब?’’कहाँ?’’

बाप के मुँहू हर उतर गिस। माँ हर पवित्र फोटू डहर देख के क्रास के चिनहा बनाइस। स्कूलवाले भाई हर जइसन पहिरे रिहिस, छोटकुन कुरता, वइसनेच अपन बिस्तर ले कूद के भाई कना आ गिस।

’’हाँ! मोर नाव छपे हे! अब पूरा रूस हर मोला जानथे। माँ! यादगार बनायबर ये अखबार ल संभाल के रख ले। जब-जब सुरता आही, निकाल के पढ़ लेय करबोन। ये देख।’’

मित्या हर अपन जेब ले अखबार निकालिस अउ अपन बाप के हाथ म दे दिस अउ नीला पेंसिल ले लगे निसान कोती अंगरी ले इसारा करत किहिस, ’’येला पढ़।’’

बाप हर आँखी म चस्मा चढ़ाइस।

’’येला पढ़ न।’’

माँ हर फेर पवित्र फोटू डहर देख के क्रास के चिनहा बनाइस। पापा ह खखार के गला साफ करिस अउ पढ़े के सुरू करिस, ’’29 दिसंबर के रात के ग्यारा बजे दिमित्री कुलड्रोव नाम के एक झन पंजीकरण क्लर्क हर .........।’’

’’देखे, देखे, आगू पढ़ न।’’

’’ ...... दिमित्री कुलड्रोव नाम के एक झन पंजीकरण क्लर्क हर लिटिल ब्रोननिया म कोजीहिन के इमारत ले बीयर पी के नसा के हालत म आवत रिहिस ......।

’’वो मिही हरंव, मंय अउ शिमोन पेट्रोविच। बिलकुल जस के तस छपे हे। आगू पढ़व! सुनव।’’

’’ ...... नसा के हालत म आवत रिहिस अउ लड़भड़ा के इवान ड्रॉटोव नाम के युहनोव्स्की जिला के दुरिकिनो गांव के एक किसान स्लेज चालक के घोड़ा के खाल्हे गिर गिस। घोड़ा हर डर के मारे कुलड्रोव ला खूंदत, अउ स्लेज गाड़ी हर वोला रेतत निकल गिस। संग म स्लेज सवार, मास्को के दुसरा व्यापारी संघ के स्टीफन लुकोव हर घला चपका गिस। मुहल्लावाले मन उठाइन। कुलड्रोव ल, जउन हर बेहोस हो गे रिहिस, पहिली पुलिस थाना लेगे गिस जिहाँ डाॅक्टर मन वोकर जांच करिन। वोकर मुड़ी के पीछू कोती चोट के निसान पाये गिस .....’’

’’ये बिलकुल मामूली चोट हरे पापा, बाकी ल पढ़ न।’’

’’....... वोकर मुड़ी के पीछू कोती चोट के निसान पाये गिस जउन हर जादा गंभीर नइ निकलिस। कानून के अनुसार घटना के रिपोट लिखा दे गे हे। घायलमन ल चिकित्सा सुविधा प्रदान कराय गिस ........’’

’’वोमन मोला ठंडा पानी म घाव के सेंकाई करे बर केहे हे। अब तंय पढ़ डरेस न? ओह, सही बात हरे निही। रूस भर के आदमीमन मोला जान गिन। अब अखबार ल मोला दे दे।’’

मित्या हर अखबार ल अपन कब्जा म ले लिस अउ वोला मोड़मुड़ा के अपन खीसा म घर लिस।

’’अब मंय हर मकारोव्स कना जाहूँ अउ वहू ल येला देखाहूँ।’’ .....  इवानित्सकिस, नटास्या इवानोव्ना, अउ अनीसिम वासिलीच ल घला देखाहूँ  ...... गुड बाय।’’

मित्या हर टोपी पहिरिस, वोकर कलगी ल सुधारिस अउ जानामानो कोनो लड़ाई जीत के आय होय, मारे खुसी के गली कोती भाग गिस।
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टीप:- पंजीकरण क्लर्क हर रूस म सबले छोटे सरकार पद होथे।

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