बुधवार, 28 सितंबर 2016

समीक्षा

29 सितंबर 2016 नई दुनिया के अंक में ’’फीस के चक्कर में बची एम. बी. बी. एस. की 86 सरकारी सीट निजी काॅलेजों के हवाले’’ शीर्षक से छत्तीसगढ़ियों के लिए एक निराशा जनक समाचार प्रकाशित हुआ है। 

’मंगलवार रात समाप्त हुई सेकंड राउंड काउंसिलिंग के बाद निजी मेडिकल काॅलेजों में सरकारी कोटा की बची 86 एम. बी. बी. एस. सीटें मैनेजमेंट कोटा में तब्दील हो गईं। अब इन सीटों को ’नीट’ के जरिये भरा जायेगा।’

छत्तीसगढ़ के उम्मीदवारों के पास डाॅक्टर बनने के लिए इन कालेजों द्वारा तय की जानेवाली फीस अदा करने के लिए धन नहीं था, इसीलिए सरकारी कोटे की ये सीटें नहीं भरी जा सकीं। छत्तीसगढ़ की सरकार ने यह सब हो जाने दिया। सरकार को अपने अहोभागी बनने के लिए शायद यही उचित लगा होगा। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें