मंगलवार, 10 जनवरी 2017

कविता

गोल-गोल घानी, ठाँय-ठाँय पानी।


गोल-गोल घानी, देखो मेरा पानी।
गोल-गोल घानी, कित्ता तेरा पानी?

गोल-गोल घानी, माड़ी-माड़ी पानी।
गोल-गोल घानी, जिद्दु, मित्तु अबानी।

गोल-गोल घानी, कनिहा-कनिहा पानी।
गोल-गोल घानी, जिद्दु, मित्तु अदानी।

गोल-गोल घानी, अरब, परब, घाटी।
गोल-गोल घानी, हम इलुमिनाटी।

इधर से जाऊँगा। आतंकी बिठाऊँगा।
इधर से जाऊँगा। नक्सली बिठाऊँगा।
इधर से जाऊँगा। पुलिस बिठाऊँगा।
इधर से जाऊँगा। फौजी बिठाऊँगा।

गोल-गोल घानी, दे दो मालिक पानी।
गोल-गोल घानी, कहाँ है तेरा पानी?

गोल-गोल घानी, दे दो साहब पानी।
गोल-गोल घानी, ठाँय-ठाँय पानी।
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