बुधवार, 22 मई 2019

अनुवाद

जूतासाज अउ सैतान - अंतोन चेखव

THE SHOEMAKER AND THE DEVIL
(द शूमेकर एंड द डेव्हिल के छत्तीसगड़ी अनुवाद - कुबेर)


क्रिसमस तिहार के समय रिहिस। मारिया ल चुल्हा तीर सुते बहूत देर हो गे रिहिस, मोमबत्ती के जम्मो मोम ह टघल-टघल के बोहा गे हे, अउ फ्योदोर निलोव ह अभी ले अपन काम म भिड़ेच हे।

वोला अपन काम ल बंद करके बहुत पहिलिच खोर-गली म निकल जाना रिहिस, पन कोलोकॉली गली के रहवासी एकझन गिराहिक ह पंदरही पहिली वोला एक जोड़ी पनही बनाय के आडर देके गे रिहिस। पनही नइ बन पाइस  अउ काली विही गिराहिक ह आके फ्योदोर निलोव ल गारी-गुफ्तार करके गे हे अउ यहू चेताय हे कि काली बिहिनिया होय के पहिली पनहीमन जरूर बन चाही।

’’यहू हर अपराधी जीवन समान हे।’’ काम करत-करत फ्योदोर हर बड़बड़ाइस, ’’कतरो आदमी नींद भांजत हें उ कतरोमन आराम करत हें जबकि मंय हर हत्यारा बरोबर वो सैतान के पनही सिलत बइठे हंव, ये बात ल कोन जानही.............।’’

अचानक झपकी झन आ जाय अउ ढलंग झन जांव कहिके वो हर मेज के खाल्हे एक ठन बोतल रखे रहय जउन ल वो हर रहि-रहि के पीयत जाय, अउ पीये के बाद अपन मुड़ी ल झटकार के अउ चिल्ला के कहय, ’’कोनो दया करके मोला बतावव, का कारण हे कि गिराहिक ह अपन आप म मस्त हे जबकि मंय ह इहाँ काम करे बर मजबूर हंव? काबर कि वोहर पइसावाला हरे अउ मंय ह भिखारी हरंव?’’

वोला अपन गिराहिकमन ऊपर नफरत होय लगिस, खास करके कोलोकॉली गली के वो गिराहिक बर। का होइस कि उदसहा बानी के वो आदमी हर सभ्य दिखथे पन वोकर लंबा चूँदी हे, चेहरा हर पींवरहा हे, नीला रंग के चस्मा पहिरे रथे, अउ जहर सही वोकर बोली हे। वोकर नाव जरमनी म हे जेकर सही उच्चारन कोनो नइ कर सके। वोकर सही-सही पहिचान अउ काम के बारे म बता पाना असंभव हे।

पंदरही पहिली के बात फ्योदोर ल सुरता आ गे जब नाप लेय बर वोहर गिराहिक के घर गेय रिहिस तब वो गिराहिक हर फर्रस म बइठ के उदानी (खप्पर) म कुछू डारत रहय। फ्योदोर के जोहार करे के पहिलिच उदानी (खप्पर) म डारल जिनिस मन अचानक चमकदार लाल लौ के संग भक ले भभक गिस अउ गंधक अउ चिरइमन के पंख जरे के गंध आय लगिस। खोली हर पींयर रंग के धुंगिया ले भर गिस। फ्योदोर ल पाँच घांव ले छिंकासी आइस। 

अउ जब सब होय के बाद वोहर घर आइस तब सोचिस, ’’कोनो आदमी, जेकर मन म ईश्वर के डर होही, अइसन कोनो काम करिच नइ सकय।’’

अउ जब बोतल ह खाली हो गिस, फ्योदोर हर पनही ल टेबल म मढ़ा दिस अउ मुड़ी धर के बइठ गिस, अउ अपन गरीबी के बारे म सोचे लगिस, दिन-रात हाड़तोड़ मेहनत करे के बाद घला वोला अपन जीवन म खुसी के कोनो आस नजर नइ दिखिस। अउ तब वोहर अमीर मनखे, उंकर बड़े-बड़े बंगला, उंकर सवारी गाड़ी अउ उंकर सौ-सौ रूबल के नोट के बारे म सोचे लगिस .......... कितना अच्छा होतिस कि उंकर बड़े-बड़े बंगलामन ल सैतान ह आगी लगा देतिस, उंकर सब घोड़ामन मर जातिन, उंकर फर के कोट अउ सेबल के टोपीमन चिथरा हो जातिन। ये साल के क्रिसमस ह कितना सानदार होतिस कि ये सब अमीरमन धीरे-धीरे भिखारी बन जातिन, इंकर तीर कुछुच नइ बाँचतिस। अउ वो खुद, गरीब जूतासाज, धीरे-धीरे अमीर बन जातिस, अउ बाँकी जम्मों गरीब जूतासाज मन के मालिक बन जातिस।’

इही तरीका ले सपनावत-सपनावत फ्योदोर ल अचानक अपन काम के सुरता आ गिस अउ वोकर आँखी मन उघर गिन।

’’एक काम करे जाय,’’ पनहीमन ल देखत-देखत वोहर सोचिस, ’’काम तो कब के खतम हो गे हे अउ मंय हर इहिंचेच बइठे हंव। अभी तक तो मोला ये पनहीमन ल वो सज्जन गिराहिक घर अमरा के आ जाना रिहिस।’’

वोहर पनहीमन ल लाल रंग के उरमाल म लपेटिस, वोला धरिस अउ सड़क म निकल गिस। बाहिर म बारीक-बारीक पन ठोस बरफ गिरत रहय अउ वोकर चेहरा म सुजी गोभे  सरीख परत रहय अउ भयानक ठंड परत रहय, सड़क म फिसलन अउ अँधिेयारा रहय। सड़क म लगे गैस बत्तीमन टिमिक-टिमिक बरत रहय। इही पाय के फ्योदोर हर खाँस के अपन गला ल साफ करिस। अमीर मनखे मन सड़क म अपन-अपन घोड़ा गाड़ीमन ल अउ स्लेजगाड़ीमन ल जतखत चलावत रहंय। वोमन हैम अउ वोदका के बोतल धरे रहंय। उंकर गाड़ी म बइठे अमीर महिला अउ जवान लड़कीमन वोला देखके गाड़ी ले अपन मुड़ी निकाल-निकाल के हँसत अउ चिल्लवावत रहंय, ’’भिखारी, भिखारी।’’

छात्र, अधिकारी अउ बैपारीमन, जउनमन वोकर पीछू-पीछू आवत रहंय, वोला, ’’सराबी, सराबी, अछूत मोची, नीच भिखारी कहिके वोकर मजाक उड़ावत चिल्लावत रहंय।’’ 

ये सब बातमन ह अपमानजनक रिहिस पन फ्योदोर हर अपन जुबान ल काबू म रखिस अउ खाली घृणा के मारे थूँक दिस। पन जब वारसा के बड़े जूतासाज कुज्मा लिबोडकिन से वोकर मुलाकात होइस अउ जब वोहर बताइस कि, ’’मंयहर एक झन अमीर महिला संग बिहाव कर लेय हंव, मोर तीर काम करनेवाला कतरो कारीगिर हें जबकि तंय हर भिखारी के भिखारी हस अउ तोर तीर खायबर घला कुछुच नइ हे,’’ तब फ्योदोर ल सहन नइ होइस। वोहर वोला दंउड़ाय के सुरू करिस अउ कोलोकॉली लेन के पहुँचत ले वोला दंउड़ाइस।

वोकर गिराहिक ह चैथा नंबर के घर के सबले ऊपरी मंजिल म आखिरी कोन्टा म रहय। उहाँ पहुँचे बर वोला एक ठन लंबा-चैड़ा, अँधियारी आँगन ल पार करे बर परिस अउ तब वोला लंबा अउ सरहा सिढ़िया म चढ़े बर परिस जिहाँ चढ़त खानी ककरो घला गोड़ ह डगमगा जातिस। जब फ्योदोर ह वोकर तीर पहुँचिस तब वो हर फर्रस म बइठ के उदानी (खप्पर) म कोनो जिनिस डारत रहय, बिलकुल वइसनेच जइसे वो हर पंदरही पहिली करत रिहिस।

’’आपके जय हो, मंय हर आपके पनहीमन ल लाय हंव।’’ फ्योदोर ह अनमनहा हो के किहिस।

गिराहिक ह चुपचाप उठिस अउ पनही ल पहिरे के कोसिस करे लगिस। वोकर मदद करे बर फ्योदोर ह माड़ी के भार बइठ गिस अउ वोकर जुन्न पनहीमन ल खीच के निकाल दिस।  पनहीमन ल जइसे निकलिस वइसने वोहर डर के मारे उछल के खड़ा हो गे अउ  दुवारी कोती दंउड़े लगिस। गिराहिक के गोड़मन म पंवरी नइ रहय, पंवरी के जघा खुर रहय जइसन कि घोड़ा मन के रहिथे। 

’’हे भगवान’’ फ्योदोर ह सोचिस, ’’एक काम करना चाही।’’ सबले पहिली डरना छोड़के क्रास बनाना चाही, फेर सब ल छोड़के खाल्हे कोती भागना चाही। पन तुरंत वोहर सोचिस, सैतान संग पहिली घांव अउ हो सकथे आखिरी घांव भेट होय हे, अइसन म येकर फायदा नइ उठाना बड़ा भारी मूर्खता होही। वोहर अपन डर ल काबू म करिस अउ अपन किस्मत आजमाय के कोसिस करे लगिस। क्रास बनाय बर बचे खातिर वोहर अपन हाथमन ल पीठ कोती लेग के बांधलिस अउ बहुत सम्मानजनक ढंग ले खखार के बोले के सुरू करिस, ’’लोगन कहिथें कि दुनिया म सैतानमन ले बढ़के अउ कोनो जादा बुरा नइ होवय, पन हे महामहिम! मंयहर कहिथंव कि दुनिया म सैतान ले जादा शिक्षित अउ कोनो नइ होवय। सैतानमन के, माफ करिहव, खुर अउ पूछी के सिवा अउ कोनो बुराई नइ होय, पन उंकर तीर हजारों विद्यार्थीमन ले जादा बुद्धि होथे।’’

’’आप जउन कहत हव वोकर ले मंय हर खुस हंव,’’ मसका मारत शैतान हर किहिस, ’’धन्यवाद जूतासाज, आप मोर ले का चाहथव?’’

अउ बिना समय बरबाद करे जूतासाज हर अपन किस्मत के रोना रोय लगिस। वोहर कहेके सुरू करिस कि ननपन ले वोहर अमीरी के सपना देखत आवत हे। वोला ये बात के नाराजगी हे कि काबर सब आदमीमन एक समान बड़े घर म नइ रहंय। वोहर पूछिस, वोहर काबर गरीब हे? का वोहर वारसाव के कुज्मा लिबोडकिन ले घला गयगुजरे हे जेकर तीर खुद के घोड़गाड़ी हे अउ जेकर घरवाली हर टोपी पहिरथे? वोकरो वइसने नाक, वइसने हाथ, वइसने गोड़, वइसने पीठ हे, जइसन अमीरमन के होथे पन काबर वोला काम करे बर मजबूर होना परथे जबकि बाकीमन मौज करत रहिथें? काबर वोला मारिया जइसन महिला संग बिहाव करे बर परिस, खुसबू ले महकत कोनो दूसर महिला संग वोकर बिहाव काबर नइ होइस? अमीर गिराहिक मन के बड़े-बड़े घर म वोहर सदा सुदर-सुदर जवान महिला देखथे पन या तो वोहर उंकर कोनो बात ऊपर कुछू धियान नइ देवय या जब वोहर धियान देथे तब वोमन वोला देख के हाँसत रहिथे अउ कहत रहिथे, ’वाह, देख तो, लंबा लाल नाक वाले जूतासाज हे।’ ये बात सच हरे कि मारया हर नेक हे, दयालु हे, हाड़तोड़ मेहनत करनेवाली हे पन वोहर पढ़े-लिखे नइ हे, वोकर हाथ हर भारी अउ कठोर हे, अउ जब कोनो वोला राजनीति या कोनो बौद्धिक विसय ऊपर बोले बर कहिथे तब वो हर भारी मूर्खतापूर्ण बकवास के सिवा अउ कुछुच नइ बोल सकय।

’’तब आखिर तंय का चाहथस?’’ गिराहिक हर वोला बीच म टोकिस।

’’महामहिम सैतान इवानिच! आपसे मोर बिनती हे कि कृपा करके आप मोला अमीर आदमी बना दव।’’

’’बिलकुल। बदला म मोला आप ल मोला अपन आत्मा ल देय बर परही। बिहिनिया, कुकरा बासे के पहिलिच आप ल ये कागज म दस्तखत करे बर परही कि आप मोला अपन आत्मा ल सौंपत हव।’’

’’महामहिम,’’ फ्योदोर ह बिनती करिस, ’’जब आप मन मोला एक जोड़ी पनही बनाय के आदेस देव तब मंय हर तो आपमन ले कोनो पेसगी नइ मांगे रेहेंव। कोनो घला आदेस पहिली देथे अउ चुकारा माल मिले के बाद करथे।’’

’’हाँ, हाँ, बहुत अच्छा।’’ गिराहिक हर उत्तर दिस।

उदानी हर अचानक भभक गिस अउ चमकदार लौ निकले लगिस। गुलाबी रंग के गाढ़ा धुँगिया निकलिस अउ गंधक अउ जलत पंख के गंध आय लगिस।

धुँगिया कम होय के बाद फ्योदोर हर अपन आँखींमन ल रमंज के देखिस कि अब न तो वोहर जूतासाज रहि गिस हे अउ न तो फ्योदोर, बल्कि कोनो दूसर आदमी बन गे हे जउन मस्त कमरकोट पहिरे हे, चैन घड़ी रखे हे, नवा पाजामा पहिरे हे अउ एक ठन बड़े जबर टेबुल तीर आरामी कुरसी म बइठे हे। दू झन सेवकमन वोला छप्पन भोग परोसत हें, अउ परोस के बिनती करत हें, ’’महामहिम, भोजन करे के किरपा करव, आप ल अच्छा लगही।’’

का दौलत रिहिस! सेवकमन वोला भुँजाय मटन अउ खीरा परोसिन, अउ तब भुँजाय हंस लाइन, अउ थोरिकेच पीछू घोड़मुरई के चटनी के संग सूअर के उबले मांस लाइन। ये सब बहुत राजसाही ढंग ले गरिमा अउ सम्मानजनक ढंग ले होइस। फ्योदोर ह खावत जाय अउ गिलास भर-भर के कीमती वोदका पीयत जाय जइसे कि कोनो जनरल, नइ ते कोनो जमीदारमन करथें। अूअर के मांस के बाद वोला उबले अनाज देय गिस, फेर गोस्तचर्बी के संग आमलेट अउ फेर तलल कलेजी। फ्योदोर ह मजा ले ले के खाइस अउ खाके बेहद खुस होइस। अउर का? गोंदली संग पाई अउ क्वास के संग सलजम घला वोला परोसे गिस।

खाय के बाद वोहर सोचिस, ’’अतका खाय के बावजूद अमीर मनखेमन के पेट फूटे काबर नहीं?’’

आखिर म बड़ेजन बरतन म वोला मदरस देय गिस।

रात के भोजन के बाद नीला चस्मा पहिरके सैतान ह परगट होइस अउ सिर नवा के वोला पूछिस, ’’खाना हर पसंद आइस, फ्योदोर निलोव?’’

पन फ्योदोर हर कोनो जवाब नइ दिस, जेवन करे के बाद वोला असमड़ लगत रहय। वोकर मन हर बदला के भावना ले भर गे रिहिस जेकर कारण वोला भयानक गुस्सा आवत रहय। वोहर अपन पनहीमन कोती देखिस अउ पूछिस, ’’मंयहर कभू साढ़े सात रूबल से कम के पनही नइ पहिरंव, ये पनहीमन ल कोन हर बनाय हे?’’

’’कुज्मा लिबोडकिन हर,’’ सेवकमन जवाब दिन।

’’वो मूरख ल अभी बलाव।’’

वारसा के कुज्मा लिबोडकिन ल तुरंत बलाय गिस। वोहर आके दुवारी मेर बहुत सम्मानजनक ढंग ले खड़े हो गिस अउ पूछिस, ’’महोदय! मोर खातिर का आदेस हे?’’

’’जुबान संभाल के बात कर,’’ फ्योदोर हर धमकाइस अउ अपन गोड़मन ल पटकिस, ’’मोर संग हुज्जत करे के कोसिस झनकर, अपन जघा ल झन भूल, उल्टाखोपड़ी, तंय मोची हरस। का तोला पता नइ हे कि पनही कइसे बनाय जाथे? मार-मार के तोर बदसूरत चेहरा के चटनी बना देहूँ! इहाँ तंय काबर आय हस?’’

’’पइसा खातिर।’’

’’पइसा खातिर? मोर आगू से भग जा, सनीचर के दिन आबे। अरे, येला एक तमाचा लगा तो।’’

पन वोला तुरते सुरता आ गिस कि वोकर खुद के जीवन हर का हे अउ गिराहिकमन वोकर संग कइसे बेवहार करथें। वोकर मन हर भारी हो गिस। अपन धियान ल दूसर कोती करे बर वोहर अपन खीसा ले एक ठन बटुआ निकाल लिस अउ पइसा गिने लगिस। बटुआ हर रकम ले भरे रहय, पन फ्योदोर ल तो वोकरो ले जादा के इच्छा रिहिस। नीला चस्मा पहिरे सैतान हर गिलोली करत दुसरा बटुआ लान के दिस। पन वोला तो वोकरो ले जादा होना। अउ जादा, अउ जादा। वोहर रकम ल गिनिस अउ उदास हो गिस।

सांझकुन सैतान हर वोकर सामने लाल पोसाक म सजेघजे एक सुंदर जवान महिला ल लाइस अउ किहिस, कि ये हर आपके नवा पत्नी हरे।

वोहर सांझ ल अपन पत्नी संग चुमाचाटी अउ अदरक के मीठ रोटी खाय म बिताइस। रातकुन वोहर पंख के बनल सुंदर मुलायम गद्दावाले बिस्तर म सुतिस पन वोला नींद नइ आइस अउ एती ले वोती कलथी मारे लगिस। वोला लगिस कि वोहर बेहोस हो गे हे।

’’हमर कना अब अपार धन हे।’’ वोहर अपन घरवाली ल किहिस, ’’हमला भले ढंग ले देख लेना चाही कि बाहिर कोनो चोर तो नइ खड़े हे। अच्छा होही कि तंय हर मोमबत्ती धर के जा अउ देख के आ।’’

वोला सरीरात नींद नइ आइस, तिजोरी के रखवारी म रात हर बीत गिस।

बिहिनिया वोहर सुबह के प्रार्थना करे बर गिरिजा घर गिस। गिरिजा घर म वोहर देखिस कि इहाँ अमीर-गरीब, सब के एक समान सम्मान हे। फ्योदोर हर जब गरीब रिहिस तब अइसन प्रार्थना करय, ’’हे ईश्वर! मोला छिमा कर, मंय हर पापी हंव।’’ अब अमीर होय के बाद घला वोहर इहिच बात ल कहही। तब अमीर अउ गरीब म का फरक हे? अउ मौत के बाद धनवान फ्योदोर ह सोना अउ हीरा के कबर म दफन नइ होय, इही करिया रंग के धरती म दफन होही, जिहाँ गरीब अउ मोचीमन घला दफन होथें। 

फ्योदोर अउ मोची दुनों, एके आगी म लेसाहीं। फ्योदोर ल गुस्सा आय लगिस, वोहर अपन रात के भोजन से सबके तुलना करे लगिस, अउ प्रार्थना करे के बजाय वोहर मनेमन तिजोरी, धन अउ चोरमन के बारे म सोचे लगिस। वोहर अपन बदले आचरन अउ बरबाद आत्मा के बारे म सोचे लगिस।

सोचत-सोचत वोहर पगला गिस अउ फौरन गिरजा घर ले निकल गिस। ये सब दुखदायी बिचार ले छुटकारा पाय खातिर, जइसन कि वोकर आदत रिहिस, जोर जोर से गाना गाय लगिस। फौरन एक झन पुलिसवाले हर दंउड़ के आइस अउ वोकर टोपी के टीप ल छू के किहिस, ’’महोदय, एक सज्जन आदमी ल अइसन ढंग ले सड़क म चिल्ला-चिल्ला के गाना सोभा नइ देवय। आप कोनो मोची नो हव।’’

फ्योदोर हर रूँधना म निहर के खड़ा होके सोचे लगिस कि अपन मन बहलाव बर वोहर का करे? ’’महोदय,’’ एक झन कुली हर आके चिल्लाइस, ’’रूँधना म अइसन निहर के झन खड़ा होवव, आपके सुंदर फर के कोट ह गंदा हो जाही।’’

फ्योदोर हर एक दुकान ल चल दिस अउ एकठन बहुत बढ़िया बाजा खरीद लिस अउ सड़क म आके वोला बजाय लगिस। सब आदमी वोकर डहर देख के हाँसे लगिन।एक झन कोचवान हर वोला ताना मारत किहिस, ’’देखव भला, अब तो सज्जन मनखेमन घला मोचीमन सरीख ......... ।’’

’’सभ्य मनखे मन ल गली-सड़क म अइसन उटपुटांग हरकत करना सोभा नइ देवय,’’ एक झन पुलिसवाले हर आके किहिस, ’’उचित होही कि आप कोनो मधुसाला म चल देवव।’’

भिखारीमन फ्योदोर ल चारों मुड़ा ले घेर लिन अउ केहे लगिन, ’’महासयजी, हमला तिनचकिया गाड़ी दे दव, ईश्वर आपके भला करही।’’

पहिली, जब वोहर जूतासाज रिहिस हे, भिखारीमन वोला कोनो भाव नइ देवंय, अउ अब, वोला छोंड़य नहीं।

अउ वोती घर म, वोकर नवा घरवाली, वो महिला हर, वोकर अगोरा करत बइठे रहय। वोहर हरियर रंग के बलाउज आ लाल रंग के लहँगा पहिरे रहय।

वोहर सोचिस, येहर मोर खातिर अतका चिंतित काबर हे। अउ वोकर पीठ म चपत लगाय खातिर वोहर अपन हाथ ल उठाइस, पन वोकर घरवाली हर फुनफुनवत किहिस, ’’असभ्य, अज्ञानी आदमी, आपला अतका घला पता नइ हे कि एक सभ्य महिला संग कइसन बेवहार करना चाही? यदि तंयहर मोला प्यार करथस तब मोर हाथ ल चूमना चाही। मोला अइसन मारहू तब मोला सहन नइ होही।’’

’’अइसन जीवन घला का जीना!’’ फ्योदोर हर सोचिस,  ’’अइसन आदमीमन के जीवन हर घला का जीवन हरे! आप ल गाना नइ गाना चाही, आप बाजा नइ बजा सकव, आप कोनो महिला के संग हँसी मजाक नइ कर सकव ..... उफ।’’

वोहर अभी अपन घरवाली संग चहा पीये बर बइठे घला नइ रिहिस अउ वो नीला चस्मावाले सैतान हर परगट हो गिस, किहिस, ’’आ जा फ्योदोर निलोव, अब मंय हर मोला जउन करना रिहिस, करके देखा देंव। अब मोर कागज म दस्तखत करव अउ मोर संग आवव।’’

अउ सैतान हर फ्योदोर ला खींच के सीधा नरक म लेग गिस अउ खुद अंतरधान हो गिस। चारों डहर ले सैतान मनहर चिल्लाय लगिन, ’’मूरख, उल्टा खोपड़ी, गघा।’’

नरक म मोम के भयानक डरावना गंध बगरे रहय उअ उहाँ साँस लेना तको मुस्किल होवत रहय। 

अउ अचानक सब कुछ गायब हो गिस।

फ्योदोर हर अपन आँखींमन ल उघारिस अउ टेबुल म रखाय पनहीमन ल अउ टीपा के चिमनी ल देखिस। 

चिमनी के काँच हर घुँगिया के मारे करिया गे रिहिस। चिमनी के बाती ले बेहद मद्धिम अंजोर अउ बेहद बदबूदार धुँगिया आवत रहय। टेबुल के नजीक म नीला चस्मा पहिरे गिराहिक हर खड़े हो के गुस्सा म चिल्लवात रहय,  ’’मूरख, उल्टा खोपड़ी, गघा। बदमास, आज मंय हर तोर मजा बताहूँ। आडर लेय पंदरही होगे अउ आज ले मोर पनहीमन ल बनाय नइ हस। तोर हिसाब से मोर पनही खातिर का मंय हर रोज दसों चक्कर लगावँव? नीच, जंगली।’’

फ्योदोर हर अपन मुड़ी ल डोलाइस अउ पनही मन ल तइयार करे लगिस। तब तक गिराहिक हर वोला गारीगुफ्तार करत अउ धमकावत खड़ेच रिहिस। सुनत-सुनत जब थक गिस तब फ्योदोर हर वोला प्यार से पूछिस, ’’आप का बेवसाय करथव महोदय जी।’’

’’मंय हर बंगाल के आतिसबाजी के काम करथंव। मंयहर आतिसबाजी के मिस्त्री हरंव।’’ अउ वोहर बिहिनिया के प्रार्थना गाय के सुरू कर दिस। फ्योदोर हर वोला वोकर पनहीमन ल दिस अउ पइसा लेके गिरिजाघर कोती चल दिस।

भालू के खालवाले कालीन लगे गाड़ी अउ स्लेजमन सड़क म येती-वोती चलत रहंय। वैपारी, महिला अउ अधिकारी, सबमन गरीब जनता संग संघरा फुटपाथ म चलत रहंय ......... पन फ्योदोर ल न तो उंकर मन से ईरखा होइस अउ न उंकर ठाटबाट ल देख के कोनो जलन होइस। अब वोला लगे लगिस कि दुनिया म अमीर होय कि गरीब, सब बराबर दुखी हें। कोनो अपन घोड़ागाड़ी म मगन हे तब कोनो जोर-जोर से गाना गाय म अउ कोनो अपन बाजा बजाय म मगन हे। पन एक बात सब बर समान हे, सब ल एके समान कबर म दफन होना हे। अउ येकर खातिर अपन जीवन ल, आपन आत्मा के छोटे ले छोटे अंस ल घला सैतान के हवाले करना उचित नइ हे।
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