गुरुवार, 18 मई 2017

व्यंग्य


लघु व्यंग्य
साले! कानून अभी जिन्दा है

उन्होंने पहले बलात्कार किया। फिर उसका गला घोंटा।
चमचे ने कांपते हुए कहा - ’’साहब! बहुत बुरा हुआ। अब क्या होगा?’’
साहब ने पहले ठहाका लगाया। फिर अजीब तरह का मुँह बनाया। पच्च से उसके चेहरे पर थूँका, मानों गटर का पानी मुँह में चला गया हो। और सहज भाव से कहा - ’’साला कुत्ता! भूल गया बे, इस देश में कानून अभी जिन्दा है।’’
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