शुक्रवार, 26 मई 2017

आलेख



.......... एक फिल्म देखी थी - ’द चिल्ड्रेन आॅफ वार’। फिल्म में पाकिस्तानी सेना के कुकृत्य और बृहत्तर राष्ट्र निर्माण की इच्छा से किये गये दमन और शोषण का अंकन है। पाकिस्तानी सेना ने गैर सुन्नी मुसलमानों और बंगाली हिंदुओं पर सबसे अधिक कहर ढहाये। कहा जाता है कि बंगाली औरतों का बलात्कार उसी मानसिकता का प्रदर्शन था जिसके तहत यह माना जाता है कि बलात संपर्क से एक पूरी की पूरी जाति को समूल नष्ट किया जा सकता है। स्त्री तो सिर्फ कोख है। उसका महत्व इतना ही है कि वह वीर्य वहन करे - इच्छित अथवा अनिच्छित - वह हमेशा पराजित है - औरतों से उत्पन्न संतान बलात्कारी के डी.एन.ए./खून होने के कारण उन्हीं की मानसिकता की अनुयायी होंगे। इन्हीं का परिणाम आज बंगला देश के आतंकवादी संगठन जेएमबी है जो पाकिस्तान समर्थक है, तथा हुजी, सिमी, इंडियन मुजाहिदीन आदि इसी का परिणाम है। अरबी जिहाद में यही मानसिकता सैकड़ों सालो से है। ... (हंस, मई 2017, पृष्ठ27)

(वर्तमान में बस्तर के संदर्भ में हंस का यह अंश विचार करने योग्य है)

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